नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana) को मंजूरी दी गई। इस योजना का उद्देश्य देश के 100 चयनित कृषि जिलों में किसानों की आय में वृद्धि करना, कृषि उत्पादन को बढ़ाना और सतत कृषि विकास को बढ़ावा देना है। सरकार की यह योजना अगले 6 वर्षों तक लागू रहेगी और इसे मिशन मोड में चलाया जाएगा।
₹24,000 करोड़ के वार्षिक बजट के साथ 6 साल तक चलेगी योजना
इस योजना को लेकर कृषि मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इसका कुल बजट ₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष रखा गया है। योजना की शुरुआत वित्त वर्ष 2025–26 से होगी और इसे अगले छह वर्षों तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में देशभर के 100 ऐसे जिले चुने गए हैं, जहां कृषि उत्पादन अपेक्षाकृत कम है, फसल विविधता नहीं है और किसानों तक संस्थागत ऋण की पहुंच भी सीमित है।
100 चयनित जिलों में लागू होगी योजना
योजना के अंतर्गत प्रत्येक चयनित जिले में District Agriculture and Allied Activities Plan तैयार किया जाएगा। इस योजना की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ प्रगतिशील किसान और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
36 योजनाओं और 11 मंत्रालयों का होगा समन्वय
योजना के तहत केंद्र सरकार 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को समेकित रूप से जोड़कर एक समन्वित ढांचा तैयार करेगी। इन योजनाओं में कृषि, जल संसाधन, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी योजनाएं शामिल होंगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को एकीकृत लाभ मिल सके और योजनाओं में दोहराव को रोका जा सके।
117 प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर होगी निगरानी
योजना की मॉनिटरिंग 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPIs) के आधार पर की जाएगी। इसके तहत सिंचाई, उर्वरक उपयोग, बीज की गुणवत्ता, बाजार तक पहुंच, भंडारण सुविधाएं, फसल कटाई के बाद मूल्यवर्धन, किसान उत्पादक संगठन (FPO) की भागीदारी, और डिजिटल क्रॉप मैपिंग जैसे विषयों पर ज़ोर दिया जाएगा। नीति आयोग, संबंधित मंत्रालय और केंद्रीय नोडल अधिकारी नियमित रूप से प्रगति की समीक्षा करेंगे।
पीएम किसान और कृषि सुधारों की कड़ी के रूप में नई योजना
इस योजना की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब सरकार कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधारों की दिशा में काम कर रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त किसानों को दी गई थी और अब यह नई योजना किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक और कदम मानी जा रही है। योजना से 1.7 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है।
फसल विविधता और उच्च मूल्य वाली खेती को मिलेगा बढ़ावा
योजना के तहत किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा उच्च मूल्य वाली फसलों जैसे बागवानी, मसाले, फूलों, औषधीय पौधों आदि की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों को आधुनिक तकनीक, जैविक खेती, सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई सिस्टम, ड्रोन तकनीक और कृषि यंत्रों के उपयोग की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
कृषि मंत्री ने बताया किसानों के लिए बड़ा कदम
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उन्हें बाजार से जोड़ने का काम करेगी। इसके माध्यम से देश के पिछड़े जिलों में कृषि को एक नई दिशा दी जा सकेगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर काम करेंगी और इसके लिए राज्यों को भी वित्तीय सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्रियों और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
योजना को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल की सराहना की है और इसे किसानों के हित में क्रांतिकारी कदम बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस योजना को देश के कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पहल करार दिया है और कहा है कि इससे किसानों का जीवन बदलेगा।